Description
- पारद शिवलिंग (Mercury Shivling) हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है। इसे भगवान शिव का प्रत्यक्ष स्वरूप कहा गया है। पारद (पारा/मर्करी) को संस्कारित करके विशेष विधि से शिवलिंग का रूप दिया जाता है।
पारद शिवलिंग का धार्मिक महत्व:
भगवान शिव का साक्षात स्वरूप:
पारद शिवलिंग को भगवान शिव का जीवंत रूप माना जाता है। इसे घर में स्थापित करने से ऐसा माना जाता है जैसे स्वयं शिव का वास हो गया हो।
पूजा का अत्यधिक फल:
स्कंद पुराण, शिव पुराण और लिंग पुराण में वर्णित है कि पारद शिवलिंग की पूजा से 100 गुणा अधिक फल प्राप्त होता है, जो सामान्य शिवलिंग पूजा से नहीं मिलता।
पापों का नाश:
पारद शिवलिंग की नियमित पूजा से पूर्व जन्मों के पाप भी नष्ट होते हैं और जीवन में पुण्य की वृद्धि होती है।
संपत्ति और धन की प्राप्ति:
इसे घर में स्थापित करने से सुख, समृद्धि, धन और लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। व्यापार में भी वृद्धि होती है।
स्वास्थ्य लाभ:
पारद में औषधीय गुण भी होते हैं। इसकी उपस्थिति से रोग-प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि और मानसिक शांति मिलती है।
वास्तु दोष से मुक्ति:
पारद शिवलिंग को घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सभी प्रकार के वास्तु दोष शांत हो जाते हैं।
कैसे करें स्थापना:
सोमवार या महाशिवरात्रि के दिन शुभ मानी जाती है।
गंगाजल से शुद्ध करके शिवलिंग को चांदी/तांबे की थाली में रखें।
जल, दूध, बेलपत्र, भस्म, और पंचामृत से अभिषेक करें।
मंत्र: “ॐ नमः शिवाय” का जप करते हुए पूजा करें।
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