गुरु पूर्णिमा भारतीय संस्कृति में एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जो आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह दिन गुरु के प्रति श्रद्धा, सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर होता है। “गुरु” शब्द का अर्थ है – अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर ज्ञान का प्रकाश देने वाला। इस दिन विद्यार्थी अपने गुरुओं का सम्मान करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
गुरु पूर्णिमा का महत्त्व इस प्रकार है:
गुरुओं के प्रति श्रद्धा प्रकट करना: यह दिन हमें हमारे जीवन में मार्गदर्शन देने वाले गुरुओं को सम्मान देने की प्रेरणा देता है।
ज्ञान की महत्ता का प्रतीक: गुरु पूर्णिमा यह दर्शाती है कि ज्ञान और शिक्षण हमारे जीवन का आधार हैं।
महर्षि वेदव्यास की जयंती: इस दिन को महर्षि वेदव्यास की जन्मतिथि के रूप में भी मनाया जाता है, जिन्होंने वेदों और पुराणों का संकलन किया।
आध्यात्मिक उन्नति का अवसर: साधक इस दिन को आत्मचिंतन, ध्यान और साधना के रूप में मनाते हैं ताकि वे अपने आध्यात्मिक जीवन में प्रगति कर सकें।
भारतीय परंपरा और संस्कृति का उत्सव: यह पर्व हमें अपनी सांस्कृतिक जड़ों और परंपराओं से जुड़ने का अवसर प्रदान करता है।